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मिसिर रामबली की कुण्डलिया





मिसिर रामबली की कुण्डलिया


कोरोना भयभीत कर, मार रहा है जान।

सहमे -सहमे लोग हैं, अब आयें भगवान।

अब आयें भगवान, नहीं है कोई चारा।

ठहर गया अस्तित्व, मनुज दिखता बेचारा।म

कहें मिसिर कविराय, ईश हैं तो क्यों रोना।

प्रभु से हो भयभीत, जलेगा अब कोरोना।।


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1 Comments

Sachin dev

31-Dec-2022 06:06 PM

Nice

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